भोपाल। लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सूचित किया है कि राज्य के 20 जिलों के 89 अधिसूचित ब्लॉकों में मुख्यमंत्री सुषेण संजीवनी योजना शुरू की जा रही है। साथ ही, राज्य सरकार के स्वास्थ्य निवेशकों की नीति और धर्म नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, सिलावट ने कहा कि स्वास्थ्य विधेयक को राज्य के लोगों को कानूनी 'अधिकार' देने के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विरासत में मिली खराब स्वास्थ्य प्रणाली को सुधारने और इसे लोगों के अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राइट-टू-हेल्थ कानूनी बनाने के लिए एक मसौदा समिति का गठन किया गया है। यह समिति सभी व्यावहारिक, कानूनी और प्रशासनिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बिल का मसौदा तैयार कर रही है। यह विधेयक जल्द ही सलाहकार बोर्ड के सामने पेश किया जाएगा।
सिलावट ने कहा कि एडवाइजरी बोर्ड में पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ। के श्रीनाथ रेडी (PHFI चेयरपर्सन), डॉ। के सुजाता राव, एके शिवकुमार, डॉ। वी विजय कुमार (डायरेक्टर एनएलआईयू), डॉ। वंदना गौड़ानी (अतिरिक्त स्वास्थ्य सचिव, भारत सरकार) और अन्य शामिल हैं। विशेषज्ञों।
सिलावट ने बताया कि अस्पताल से जुड़े डॉक्टरों और कर्मचारियों की कमी की समस्या को प्राथमिकता पर संबोधित किया जा रहा है। राज्य में अब तक 600 संविदा एनएचएम चिकित्सकों, 1002 बंधुआ चिकित्सकों और 547 पीएससी बैकलॉग चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है। 100 सेवानिवृत्त डॉक्टरों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। राज्य में 1033 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति की गई है और 760 स्टाफ नर्सों की भर्ती प्रक्रिया जारी है।