पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जो खिलाड़ी मेडल जीतते हैं उन्हें तो नौकरी मिल जाती है, लेकिन कई खिलाड़ी जो अपने जीवन के 10-15 साल खेल को देते हैं, उनका योगदान भी किसी मेडल से कम नहीं है। ऐसे लोगों को नौकरी में 5 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया जा रहा है। यही नहीं, उनके योगदान को डिग्री या डिप्लोमा जैसा कोई प्रमाणपत्र देने का काम हो, इस पर भी खेल विभाग विचार कर रहा है।
पत्रकार वार्ता में जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा भी मौजूद थे।